हमारे बारे में

मंत्रालय के बारे में

सूचना और प्रसारण मंत्रालय भारत की आजादी के बाद स्थापित शुरुआती मंत्रालयों में से एक है और सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के पहले सूचना और प्रसारण मंत्री थे।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय उन महत्वपूर्ण मंत्रालयों में से एक है जो जनता तक पहुंचने में सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस मंत्रालय को संचार के पारंपरिक साधनों जैसे नृत्‍य, नाटक, लोक गायन, कठपुतली शो आदि माध्‍यमों सहित रेडियो, टेलीविजन, प्रेस, सोशल मीडिया, मुद्रित प्रचार जैसे पुस्‍तिकाएं, पोस्‍ट, बाह्य प्रचार को शामिल करते हुए जन संचार के विभिन्‍न साधनों के माध्‍यम से सरकार की नीतियों, स्‍कीमों और कार्यक्रमों के बारे में सूचना का प्रसार करने का दायित्‍व सौंपा गया है। यह मंत्रालय निजी प्रसारण क्षेत्र से संबंधित नीतिगत मामलों, लोक प्रसारण सेवा प्रसार भारती का संचालन, बहु-मीडिया विज्ञापन और केंद्र सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के प्रचार, फिल्म प्रचार तथा प्रमाणन और प्रिंट मीडिया के विनियमन के संबंध में भी केंद्र बिंदु है।

लोक सेवा प्रसारण क्षेत्र में, मंत्रालय प्रसार भारती (भारतीय प्रसारण निगम) अधिनियम, 1990 के माध्यम से आकाशवाणी और दूरदर्शन से संबंधित मामलों का अवलोकन करता है, जिसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों के दौरान मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों द्वारा आकाशवाणी और दूरदर्शन का उपयोग और किसी विशिष्ट गणमान्य व्यक्ति के निधन पर राष्ट्रीय शोक की अवधि के दौरान आधिकारिक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का विनियमन शामिल है।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय में कार्यात्मक रूप से तीन विंग (स्कंध) हैं

  1. सूचना विंग
  2. प्रसारण विंग
  3. फिल्‍म विंग

सूचना विंग

सूचना विंग प्रिंट, इलैक्‍ट्रोनिक और डिजिटल मीडिया के साधनों के माध्‍यम से भारत सरकार की नीतियों और कार्यकलापों की प्रस्‍तुति और व्‍याख्‍या, प्रिंट; इलेक्‍ट्रानिक और ऑनलाइन प्‍लेटफार्म पर सरकारी विज्ञापनों की दर निर्धारण के लिए नीतिगत दिशानिर्देश तैयार करना; प्रेस और पुस्‍तक पंजीकरण अधिनियम, 1867 का संचालन, प्रेस परिषद अधिनियम, 1978 और समाचारपत्रों को न्‍यूजप्रिंट के आवंटन का प्रभारी है। इसके अलावा, यह मीडिया यूनिटों अर्थात पत्र सूचना कार्यालय; केंद्रीय संचार ब्यूरो; प्रकाशन विभाग; भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक का कार्यालय; भारतीय जनसंचार संस्थान, भारतीय सूचना सेवा का संवर्ग प्रबंधन (समूह 'क' और 'ख') आदि के लिए प्रशासनिक विंग है।

प्रसारण विंग

प्रसार भारती (भारतीय प्रसारण निगम) अधिनियम, 1990 द्वारा शासित प्रसारण विंग, पूरे संघ में रेडियो और टेलीविजन प्रसारण के विकास से संबंधित मामले, रेडियो स्टेशनों, ट्रांसमीटरों की स्थापना और रखरखाव, टेलीविजन कार्यक्रम निर्माण केंद्रों का संचालन सहित आदि आकाशवाणी और दूरदर्शन से संबंधित मामलों को देखता है।

मंत्रालय के प्रसारण विंग में टीवी (आई) अनुभाग, बीपीएंडएल अनुभाग, सामुदायिक रेडियो स्टेशन (सीआरएस) अनुभाग और प्रसारण सामग्री (ब्रॉडकास्टिंग कंटेंट) अनुभाग शामिल हैं।

फिल्‍म विंग

मंत्रालय का फिल्म विंग चलचित्र अधिनियम, 1952 के तहत प्रशासित है जो सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए फिल्मों के प्रमाणीकरण, नाट्य और गैर-नाट्य व्यूइंग के लिए फिल्मों के आयात, भारतीय फिल्मों के निर्यात, फिल्‍म उद्योग द्वारा अपेक्षित अनएक्सपोज्ड चलचित्र फिल्मों और विभिन्न प्रकार के उपकरणों के आयात, फिल्म उद्योग से संबंधित सभी मामले, जिसमें विकास और प्रचार गतिविधियां शामिल हैं, भारत में निर्मित फिल्मों के लिए राज्य पुरस्कार संस्था द्वारा अच्छे सिनेमा को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से सहायता, तथा आंतरिक और बाह्य प्रचार के लिए वृत्तचित्रों न्यूज़रील और अन्य फिल्में तथा फिल्म स्ट्रिप्स का निर्माण और वितरण, फिल्मों और फिल्मी सामग्री का संरक्षण, भारत में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों का आयोजन और विदेशों में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में भारत की भागीदारी, सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों के तहत फिल्म समारोहों के आयोजन आदि को देखता है।

मंत्रालय में इन तीन विंगों को इनके कार्यकलापों में 11 संबद्ध और अधीनस्थ कार्यालयों, 5 स्वायत्त संगठनों, 2 सांविधिक निकायों और 2 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा सहायता और समर्थन प्रदान किया जाता है।

संबद्ध और अधीनस्थ संस्‍थाएं

  1. पत्र सूचना कार्यालय
  2. केंद्रीय संचार ब्यूरो
  3. प्रकाशन प्रभाग
  4. भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक का कार्यालय
  5. केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड।
  6. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनिटरिंग सेंटर (ईएमएमसी)
  7. न्यू मीडिया विंग

स्वायत्त संस्‍थाएं

  1. प्रसार भारती
    a. आकाशवाणी
    b. दूरदर्शन
  2. भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान, पुणे
  3. सत्यजीत रे फिल्म और टेलीविजन संस्थान, कोलकाता
  4. भारतीय जन संचार संस्थान

सांविधिक निकाय

1.भारतीय प्रेस परिषद

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम

  1. राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम लिमिटेड (एनएफडीसी)
  2. ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स (इंडिया) लिमिटेड (बेसिल)

दूरदर्शिता और मिशन

दृष्‍टिकोण

  • मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र के निरंतर विकास के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना, मूल्य आधारित स्वस्थ मनोरंजन की सुविधा प्रदान करना और सरकारी नीतियों, कार्यक्रमों और उपलब्धियों पर प्रभावी ढंग से जानकारी का प्रसार करना।

मिशन

  • जनता तक सूचना के मुक्त प्रवाह को सुनिश्चित करते हुए और सामान्य रूप से प्रेस और मीडिया की स्वतंत्रता की रक्षा करते हुए सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और उपलब्धियों पर प्रभावी ढंग से जानकारी का प्रसार करना।
  • जमीनी स्तर तक उपयुक्त मल्टीमीडिया सार्वजनिक अभियानों के माध्यम से लाभार्थियों को सीधे सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों को संप्रेषित और प्रचारित करना।
  • प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और फिल्मों के क्षेत्र में अपनी क्षमता विकसित करने हेतु युवा प्रतिभाओं के लिए अवसर पैदा करने के लिए ढांचागत सहायता को सुदृढ़ करना और विस्तारित करना।
  • भारत में प्रसारण उद्योग को बढ़ावा देना, सुविधा प्रदान करना और विकसित करना तथा लोक सेवा प्रसारण को सुदृढ़ करना।
  • प्रसारण क्षेत्र के लिए एक ठोस और सटीक 'रेटिंग' प्रणाली विकसित करने की दिशा में एक संरचित और समयबद्ध दृष्टिकोण अपनाना, जिसका प्रसारकों द्वारा सामग्री निर्माण पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है।
  • उद्योग निकायों के साथ मनोरंजन और मीडिया क्षेत्रों में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड विकसित करने की प्रक्रिया को सक्रिय करना।
  • सभी उम्र के लोगों के स्वस्थ मनोरंजन के लिए अच्छे और मूल्य आधारित सिनेमा को बढ़ावा देना और विकसित करना तथा इसे प्राप्त करने के लिए एक नीतिगत ढांचा तैयार करना।
  • फिल्मों, वीडियो और ऑडियो संसाधनों की अभिलेखीय संपदा के लिए सार्वजनिक पहुंच को पुनर्स्थापित, डिजिटाइज़, संरक्षित और संवर्धन करना।
  • इस क्षेत्र में भारत के तुलनात्मक लाभ का उपयोग करते हुए भारत को एनिमेशन, गेमिंग और वीएफएक्स क्षेत्र का केंद्र बनाना।
  • अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय में फिल्म, संगीत और वीडियो पाइरेसी का मुकाबला।
  • फिल्म समारोहों और आयोजनों के माध्यम से अच्छे सिनेमा को बढ़ावा देना और फिल्म संस्कृति का प्रचार करना।
  • मंत्रालय के मूल अधिदेश से संबंधित निर्णय लेने में पारदर्शिता सुनिश्चित करना और उसके सभी स्तरों पर कार्यान्वयन में देरी को समाप्त करना।

कार्य आवंटन

अपर सचिव

  • भारतीय सूचना सेवा (आईआईएस) का संवर्ग प्रबंधन।
  • सामुदायिक रेडियो से संबंधित मामले।
  • एसआरएफटीआई, एफटीआईआई और आईआईएमसी से संबंधित सभी मामले।
  • प्रसार भारती के बोर्ड स्तर की नियुक्तियों, आईबीपीएस और आईबीईएस के संवर्ग प्रबंधन और प्रसार भारती के कर्मियों से संबंधित अन्य सभी मामले।
  • प्रसार भारती के अंतर्राष्ट्रीय एमओयू, एआईबीडी और एबीयू से संबंधित सभी मामले।
  • ग्लोबल मीडिया समिट से संबंधित सभी मामले।

अपर सचिव एवं वित्तीय सलाहकार- अब विशेष सचिव एवं वित्तीय सलाहकार

  • इस मंत्रालय के वित्त, बजट और लेखा से संबंधित सभी मामले।

संयुक्त सचिव (फिल्म)

  • मीडिया और मनोरंजन (एम एंड ई) क्षेत्र में नीति निर्माण।
  • राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह, फिल्म उद्योग सहित एनएफडीसी, सीबीएफसी से संबंधित सभी नीति, वित्तीय, प्लान स्कीम और प्रशासनिक मामले।
  • चलचित्र अधिनियम और उसके अधीन बनाए गए नियमों से संबंधित मामले
  • वीडियो पायरेसी, कॉपीराइट, बौद्धिक संपदा अधिकार, एफआईपीबी, परियोजना आयात प्रस्ताव, विभिन्न देशों के साथ ऑडियो-विजुअल सह-निर्माण करारों से संबंधित मामले।
  • फिल्म मार्किट/फिल्म बाजार में भागीदारी, विदेशी फिल्म निर्माताओं को भारत में फीचर फिल्म की शूटिंग की अनुमति।

संयुक्त सचिव (प्रसारण- I)

  • निजी टीवी चैनलों को लाइसेंस देना।
  • राष्ट्रीय प्रसारण नीति का निर्माण।
  • प्रसारण नीति और कानून (डीटीएच सहित)।
  • केबल टीवी के डिजिटलीकरण से संबंधित सभी मामले
  • बेसिल से संबंधित मामले.
  • प्राइवेट एफएम रेडियो से संबंधित सभी मामले।
  • मुख्य सर्तकता अधिकारी (सीवीओ) का कार्यभार।

संयुक्त सचिव (प्रसारण- II)

  • प्रसार भारती के वित्त और प्रसारण विकास से संबंधित सभी मामले।
  • प्रसार भारती की प्रसारण सामग्री से संबंधित मामले और प्रसार भारती के कार्मिक और एमओयू के अलावा अन्य सभी मामले।
  • आरएनआई और सीबीसी से संबंधित मामले।
  • न्यू मीडिया विंग से संबंधित मामले।
  • इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनिटरिंग सेंटर से संबंधित मामले।

संयुक्त सचिव (सूचना, नीति और प्रशासन)

  • प्रेस और प्रिंट मीडिया के नीतिगत मामले, सरकार की अंतर-मीडिया प्रचार संबंधी आवश्यकताएं।
  • मंत्रालय का प्रशासन प्रभाग।
  • पीआईबी और प्रकाशन प्रभाग से संबंधित मामले।
  • प्रेस परिषद से संबंधित मामले।
  • भारत की सफलता की कहानियों को विश्व स्तर पर प्रस्तुत करना।
  • प्रसारण सामग्री विनियमन डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया से संबंधित मामले।
  • प्रसार भारती के मामलों को छोड़कर प्रसारण नीति और कानून (कार्यक्रम संहिता और विज्ञापन संहिता)।

श्री गोपाल साधवानी, संयुक्त सचिव इस मंत्रालय के वित्त विंग में, अपर सचिव और वित्तीय सलाहकार के अधीन कार्य करना जारी रखेंगे।

वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार/आर्थिक सलाहकार

  • स्कीमों का समेकन तथा प्रभाव, व्यय और परिणामों के संदर्भ में प्रदर्शन संकेतकों का आवधिक मूल्यांकन।
  • मंत्रालय की प्रमुख पहलों के लिए रणनीतिक कागजात और विज़न दस्तावेज़ों की रूपरेखा।
  • शासकीय नीतियों और कार्यक्रमों और स्वच्छ भारत की प्रभावशीलता के आकलन के लिए राज्यों में अंतर-मीडिया प्रचार समन्वय समिति (आईएमपीसीसी) के प्रदर्शन का मूल्यांकन करना।
  • केंद्रीय बजट से संबंधित मामले और सूचना और प्रसारण मंत्रालय से संबंधित राजकोषीय नीति संबंधी मामले।
  • राष्ट्रपति के भाषण से संबंधित मामले।
  • वेबसाइट और डैशबोर्ड, शिकायतें, आरटीआई और हिंदी।
  • संसदीय मामलों का समन्वय।
  • विभिन्न राष्ट्रीय और वैश्विक संकेतकों और रैंकिंग से संबंधित सभी मामले।

नागरिक चार्टर

क्र.सं. शीर्षक वर्ष प्रकार/आकार डाउनलोड/विवरण
1 नागरिक चार्टर 2022-2023 2024 नागरिक चार्टर 2022-2023 718.11 किलोबाइट देखें

राजभाषा

शीर्षक प्रकार/आकार विवरण
हिन्दी शब्दकोश हिन्दी शब्दकोश 933.06 किलोबाइट देखे
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वार्षिक कार्यक्रम 2024-25
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